व्यंग्य लेख [ प्रथम अक्टूबर वृद्ध दिवस पर विशेष ]
वरिष्ठ जाड़ का दर्द
जग मोहन ठाकन
पिछले कुछ दिनों से ‘‘वरिष्ठ
जाड़ ’’ की सन्सटीविटी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई
थी । ठण्डा खाओ तो दर्द,गर्म खाओ तो दर्द । इतनी भारी भरकम
गर्मी में शरीर कहता है कि कुछ ठण्डा पिया जाये वर्ना डिहाइडरेसन का खतरा बढ़ जाता
है । जीभ कहती है कि कुछ कूल-कूल हो जाये । पर निगौड़ी ‘‘वरिष्ठ जाड़ ‘‘ है कि ठण्डे के नाम पर ही बिदकती है ।
आस-पास वाली सहयोगी जाड़ें भी चाहती हैं कि कोई ठण्डा मीठा रसगुल्ला सा चबा लिया
जाये । पर क्या करें वरिष्ठ जाड़ के अड़ियल रवैये के कारण सब परेशान हैं, मगर वरिष्ठता के आगे सभी नमन करते हैं। कोई पहल नहीं करना चाहता ।
आखिर कुछ भी ना खा पाने के कारण शरीर की हालत पतली होती जा रही थी । जीभ की
अध्यक्षता में सभी दांतों व जाड़ों की मिटिंग बुलाई गई । चर्चा छिड़ी कि यदि कुछ
भी ना खाया पिया गया तो शरीर समाप्त हो जायेगा और जब शरीर ही नहीं रहेगा तो हम
कहां रहेंगें। हमारा अस्तित्व तो शरीर से ही जुड़ा है । जिस दिन शरीर समाप्त , उसी दिन लोग तो राम नाम सत्य बोलकर शरीर को अग्नि की भेंट चढ़ा
देंगें और साथ ही हो जायेगा हमारा भी होलिका दहन ।
आखिर शरीर को बचाना जरूरी था, इसलिए
फैसला लिया गया कि दर्द वाली वरिष्ठ जाड़ को निकलवा दिया जाये । शरीर ने डाक्टर से
सलाह ली । डॉक्टर ने आश्वस्त किया कि शरीर हित में वरिष्ठ जाड़ निकलवाना ही
श्रेयष्कर है। इस पर सहयोगी जाड़ों ने शंका जाहिर की कि वरिष्ठ जाड़ को निकालने पर
शरीर को तो दर्द होगा ही , खून भी बह सकता है । और फिर जो खाली
जगह बन जायेगी वो भी भद्दी लगेगी । वरिष्ठ जाड़ का खालीपन भी अखरेगा । डॉक्टर ने
सहयोगी जाड़ों की चिंता भांपकर तुरन्त कहा -तुम निश्चिंत रहो । मैं ऐसी मसालेदार
जाड़ सैट कर दूंगा कि किसी को भी फर्क पता तक नहीं चलेगा । भोजन को ऐसे कुतरेगी कि
बाकी सहयोगी जाड़ें भी तरसने लगेंगी । जहां तक खून बहने की बात है वो भी निराधार
है। इतनी पुरानी व अन्दर से
खोखली हो चुकी जाड़ को निकालने
में ना कोई खून बहता है ना कोई दर्द होता है । बस दो दिन की दिक्कत है। फिर से
शरीर को पुष्ट भोजन मिलने लगेगा और जीभ को नव-स्वाद । दो दिन बाद सब सामान्य हो
जायेगा । सभी जाड़- दांतों व जीभ ने शरीर हित में निर्णय ले लिया । ‘‘ वरिष्ठ जाड़” डाक्टर के कचरादान में पड़ी सोच रही
थी कहां चूक हो गई । नवीनतम घटनाक्रम के अनुसार चिकित्सक के सहायक ने वरिष्ठ जाड़
की वरिष्ठता पर तरस खाते हुए जाड़ को कचरे से उठाकर डॉक्टर के टेबल के पास लगी
श्योकेस में एक जार में रख दिया है । अब वरिष्ठ जाड़ खुश है कि अब वो भी समय आने पर अन्य खोखली जाड़ों को
निकलते देख सकेगी ।
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